किसी भी आदमी की पर्सनालिटी उसके चेहरे से बयान होती है. इसलिए चेहरे पर
हल्का सा भी निशान या धब्बे हो जाये तो लोग बहुत ही ज्यादा परेशान हो जाते
हैं.
चेहरे पर मुँहासे जैसी दिक्कत आमतौर पर किशोर अवस्था में ही होती है. इस कारण किशोर अपने चेहरे को लेकर बहुत परेशान हो जाते हैं. क्योंकि यही वो उम्र होती है जब लड़के-लडकियां अधिक से अधिक खूबसूरत दिखना चाहते हैं.
हॉर्मोनल चेंजेस के कारण यह समस्या लगभग सभी किशोर-किशोरियां के लिए आम बात है. कुछ लोगों के स्किन बहुत ही सेंसिटिव होते हैं इस कारण से हार्मोनल चेंजेस का उनपर बहुत ज्यादा ही असर पड़ता है. हार्मोनल चेंजेस के अलावा मुँहासे के कुछ और भी कारण है, जैसे-
खान-पान में गड़बड़ी- अधिक तेल और मसाले वाले खाने इसका कारण होते हैं. इस कारण से खाने पर हमेशा ध्यान देना चाहिए. सड़क किनारे मिलने वाले खाने देखने में तो काफी लजीज लगते हैं किन्तु इससे स्वास्थ्य के साथ-साथ चेहरे के मुँहासे पर भी असर पड़ता है. इन खानों में अशुद्ध तेल और मसाले प्रयोग किये जाते हैं जो मुँहासे का कारण बन जाती है.
रहन-सहन में गड़बड़ी- रहन-सहन भी सही तरीके से होनी चाहिए क्योंकि यह भी स्वास्थ्य के साथ-साथ चेहरे के मुँहासे पर असर डालती है. हमेशा अपने रहने वाले जगह को साफ सुथरा रखना चाहिए.
लिवर और आंतो से समन्धित- शाकाहारी और मांसाहारी दोनों किस्म के लोगों को अलग-अलग तरह के पाचन प्रक्रिया में परेशानी होती हैं. सही तरीके से खाना न पचने के कारण लिवर और आंत में प्रॉब्लेम होती हैं. इसके कारण भी मुँहासे हो जाते हैं.
ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं- अधिक पानी पीने से शरीर की अशुद्ध सामग्रियाँ बाहर निकल जाती हैं. जिसके कारण से मुँहासे नहीं होते हैं.
हमेशा अपने चेहरे को साफ करते रहें- चेहरे पर धूल न बैठने दें, इसके लिए हमेशा पानी से मुँह साफ करते रहें. क्योंकि इस प्रदूषित वातावरण में हर जगह धूल उड़ते रहते हैं चाहे आप घर में हो या बाहर. सिर्फ फर्क ज्यादा और कम का होता है.
हमेशा अपने हाथों को चेहरे से दूर रखें- क्योंकि हाथों पर बहुत ही धूल जमे होते हैं. ऐसा इसीलिए क्योंकि हम अपने काम को कर के अपने हाथों को ठीक से साफ करना भूल जाते हैं. यही कारण है की उसे गंदे हाथों से चेहरे को छुने से मुँहासे होने का भय बढ़ जाता है.
सलिसिलिक एसिड से बने फेसवॉश या अन्य प्रकार से क्रीम का प्रोयोग करें- सलिसिलिक एसिड चेहरे के स्किन के लिए बहुत ही सही होता है. इसीलिए जितना हो सके सलिसिलिक एसिड से बने फेसवॉश या अन्य प्रकार से क्रीम का ही प्रयोग करें.
जेल क्लींजर का करें प्रयोग- जेल क्लींजर का प्रयोग हर तरह के स्किन वाले करते हैं.
बार-बार स्क्रब का न करें प्रयोग- स्क्रब के बार-बार प्रयोग करने से रोम छिद्र खुल जाते हैं जिसके कारण इन छिद्रों में हवा में मौजूद धूल जम जाते हैं जो सीधा-सीधा मुँहासे को आमंत्रित करता है.
सूरज की रोशनी से करे खुद की रक्षा- सूरज से आने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें चेहरे को काफी प्रभावित करती हैं. ये किरणे मुँहासों के कारण बन जाते हैं. इसलिए बाहर निकलने के पहले मॉयस्चराइज़र का प्रयोग करना चाहिए. जो की SPF-15 से लेकर SPF-30 तक हों.
मुँहासों को न नोचें- कुछ लोग अपने चेहरे पर मुँहासे को देख कर उसे नोच कर हटाने का प्रयास करते हैं. यह बहुत जोखिम भरा होता हैं. एक बार नाखून के प्रयोग से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इससे मुंहासा एक बड़े घाव का रूप ले लेता है.
चेहरे पर मुँहासे जैसी दिक्कत आमतौर पर किशोर अवस्था में ही होती है. इस कारण किशोर अपने चेहरे को लेकर बहुत परेशान हो जाते हैं. क्योंकि यही वो उम्र होती है जब लड़के-लडकियां अधिक से अधिक खूबसूरत दिखना चाहते हैं.
हॉर्मोनल चेंजेस के कारण यह समस्या लगभग सभी किशोर-किशोरियां के लिए आम बात है. कुछ लोगों के स्किन बहुत ही सेंसिटिव होते हैं इस कारण से हार्मोनल चेंजेस का उनपर बहुत ज्यादा ही असर पड़ता है. हार्मोनल चेंजेस के अलावा मुँहासे के कुछ और भी कारण है, जैसे-
खान-पान में गड़बड़ी- अधिक तेल और मसाले वाले खाने इसका कारण होते हैं. इस कारण से खाने पर हमेशा ध्यान देना चाहिए. सड़क किनारे मिलने वाले खाने देखने में तो काफी लजीज लगते हैं किन्तु इससे स्वास्थ्य के साथ-साथ चेहरे के मुँहासे पर भी असर पड़ता है. इन खानों में अशुद्ध तेल और मसाले प्रयोग किये जाते हैं जो मुँहासे का कारण बन जाती है.
रहन-सहन में गड़बड़ी- रहन-सहन भी सही तरीके से होनी चाहिए क्योंकि यह भी स्वास्थ्य के साथ-साथ चेहरे के मुँहासे पर असर डालती है. हमेशा अपने रहने वाले जगह को साफ सुथरा रखना चाहिए.
लिवर और आंतो से समन्धित- शाकाहारी और मांसाहारी दोनों किस्म के लोगों को अलग-अलग तरह के पाचन प्रक्रिया में परेशानी होती हैं. सही तरीके से खाना न पचने के कारण लिवर और आंत में प्रॉब्लेम होती हैं. इसके कारण भी मुँहासे हो जाते हैं.
मुँहासे दूर भागने के लिए इन बातों का रखे ख्याल-
ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं- अधिक पानी पीने से शरीर की अशुद्ध सामग्रियाँ बाहर निकल जाती हैं. जिसके कारण से मुँहासे नहीं होते हैं.
हमेशा अपने चेहरे को साफ करते रहें- चेहरे पर धूल न बैठने दें, इसके लिए हमेशा पानी से मुँह साफ करते रहें. क्योंकि इस प्रदूषित वातावरण में हर जगह धूल उड़ते रहते हैं चाहे आप घर में हो या बाहर. सिर्फ फर्क ज्यादा और कम का होता है.
हमेशा अपने हाथों को चेहरे से दूर रखें- क्योंकि हाथों पर बहुत ही धूल जमे होते हैं. ऐसा इसीलिए क्योंकि हम अपने काम को कर के अपने हाथों को ठीक से साफ करना भूल जाते हैं. यही कारण है की उसे गंदे हाथों से चेहरे को छुने से मुँहासे होने का भय बढ़ जाता है.
सलिसिलिक एसिड से बने फेसवॉश या अन्य प्रकार से क्रीम का प्रोयोग करें- सलिसिलिक एसिड चेहरे के स्किन के लिए बहुत ही सही होता है. इसीलिए जितना हो सके सलिसिलिक एसिड से बने फेसवॉश या अन्य प्रकार से क्रीम का ही प्रयोग करें.
जेल क्लींजर का करें प्रयोग- जेल क्लींजर का प्रयोग हर तरह के स्किन वाले करते हैं.
बार-बार स्क्रब का न करें प्रयोग- स्क्रब के बार-बार प्रयोग करने से रोम छिद्र खुल जाते हैं जिसके कारण इन छिद्रों में हवा में मौजूद धूल जम जाते हैं जो सीधा-सीधा मुँहासे को आमंत्रित करता है.
सूरज की रोशनी से करे खुद की रक्षा- सूरज से आने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें चेहरे को काफी प्रभावित करती हैं. ये किरणे मुँहासों के कारण बन जाते हैं. इसलिए बाहर निकलने के पहले मॉयस्चराइज़र का प्रयोग करना चाहिए. जो की SPF-15 से लेकर SPF-30 तक हों.
मुँहासों को न नोचें- कुछ लोग अपने चेहरे पर मुँहासे को देख कर उसे नोच कर हटाने का प्रयास करते हैं. यह बहुत जोखिम भरा होता हैं. एक बार नाखून के प्रयोग से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इससे मुंहासा एक बड़े घाव का रूप ले लेता है.
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