16 मार्च, 1982 को मिल्वौकी की कैरोलिन को Kosciuszko Middle School से फ़ोन
आया कि उनकी 13 साल की बेटी, कैरी को स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया है.
उसके स्कूल जाने की बजाय कैरोलिन घर पर बैठ कर उसका इंतज़ार करने लगीं और
इसी गलती ने कैरोलिन को 33 साल का दर्द दे दिया.
कैरोलिन अपनी बेटी का इंतज़ार करती रहीं, लेकिन वो घर वापस नहीं आई. पुलिस छान-बीन में लग गयी, लेकिन उन्हें सफ़लता नहीं मिली. फिर 17 महीने बाद, अगस्त, 1983 में पड़ोस के घर पर कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले कांट्रेक्टर को एक नर-कंकाल मिला. वो कंकाल कैरी एन जोपेक का ही था. तब से ये राज़ ही था कि कैरी की मौत आखिर कैसे हुई?
फिर, 33 साल बाद, 11 अक्टूबर, 2015 में WISN 12 News में काम करने वाले पत्रकार को एक अनजान आदमी का फ़ोन आया. उस आदमी ने कबूल किया कि 33 साल पहले जोपेक का खून उसी ने किया था. ये फ़ोन 50 साल के होज़े फर्रेरा ने किया था. उसने सिर्फ़ उसका मर्डर ही नहीं, रेप भी किया था.
इस दर्दनाक खुलासे ने कम-से-कम कैरोलिन को थोड़ी राहत दे दी जो 33 साल से अपनी बेटी की मौत का ज़िम्मेदार खुद को मानती थीं. कैरोलिन ने माना कि उसे फर्रेरा पर शक था जो उस समय 'जूनियर' के नाम से जाना जाता था. उसने कैरोलिन को बताया कि जोपेक, वो और कुछ दोस्त साथ में शराब पी रहे थे और नशा कर रहे थे कि तभी जोपेक का सर दीवार से टकराया और उसकी मृत्यु हो गयी. उसने ये भी कबूल किया कि हड़बड़ी में उन्होंने जोपेक का शरीर घर के बरामदे के नीचे दफना दिया.
फर्रेरा ने शायद अपना जुर्म इसलिए भी कबूल किया क्योंकि उसे जोपेक का भूत दिख रहा था या फिर ये उसकी अंतरात्मा की आवाज़ थी जो उसे कचोट रही थी.पुलिस की तहकीकात से तो फर्रेरा बच गया, लेकिन खुद से नहीं बच पाया.
कैरोलिन अपनी बेटी का इंतज़ार करती रहीं, लेकिन वो घर वापस नहीं आई. पुलिस छान-बीन में लग गयी, लेकिन उन्हें सफ़लता नहीं मिली. फिर 17 महीने बाद, अगस्त, 1983 में पड़ोस के घर पर कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले कांट्रेक्टर को एक नर-कंकाल मिला. वो कंकाल कैरी एन जोपेक का ही था. तब से ये राज़ ही था कि कैरी की मौत आखिर कैसे हुई?
फिर, 33 साल बाद, 11 अक्टूबर, 2015 में WISN 12 News में काम करने वाले पत्रकार को एक अनजान आदमी का फ़ोन आया. उस आदमी ने कबूल किया कि 33 साल पहले जोपेक का खून उसी ने किया था. ये फ़ोन 50 साल के होज़े फर्रेरा ने किया था. उसने सिर्फ़ उसका मर्डर ही नहीं, रेप भी किया था.
इस दर्दनाक खुलासे ने कम-से-कम कैरोलिन को थोड़ी राहत दे दी जो 33 साल से अपनी बेटी की मौत का ज़िम्मेदार खुद को मानती थीं. कैरोलिन ने माना कि उसे फर्रेरा पर शक था जो उस समय 'जूनियर' के नाम से जाना जाता था. उसने कैरोलिन को बताया कि जोपेक, वो और कुछ दोस्त साथ में शराब पी रहे थे और नशा कर रहे थे कि तभी जोपेक का सर दीवार से टकराया और उसकी मृत्यु हो गयी. उसने ये भी कबूल किया कि हड़बड़ी में उन्होंने जोपेक का शरीर घर के बरामदे के नीचे दफना दिया.
फर्रेरा ने शायद अपना जुर्म इसलिए भी कबूल किया क्योंकि उसे जोपेक का भूत दिख रहा था या फिर ये उसकी अंतरात्मा की आवाज़ थी जो उसे कचोट रही थी.पुलिस की तहकीकात से तो फर्रेरा बच गया, लेकिन खुद से नहीं बच पाया.
No comments:
Post a Comment