चेतावनी :
यह आस्था और
अंधविश्वास का मामला है। यह महज मनोरंज भी हो सकता है और हो सकता है कि यह
आपके लिए खतरनाक सिद्ध हो। कहते हैं कि बुलाना आसान है पर भेजना मुश्किल
होता है। कई बार बुलाई गई आत्मा वापस नहीं जाती है। माना जाता है कि वापस
नहीं जाने वाली आत्माएं आपके जीवन में होनी और अनहोनी घटनाओं को अंजाम देने
लगती है।
हो सकता है कि नहीं लौटने वाली आत्मा कि उपस्थिति से आपका जीवन एक नर्क बन जाए। यह भी कहा जाता है कि ऐसे लोगों का मुकाम दवाखाना, पागलखान या कैदखाना होता है। हो सकता है कि आत्मा को बुलाने के चक्कर में कोई आत्महत्या ही कर ले या उसकी हत्या ही हो जाए। पाठक कृपया अपने स्वविवेक से काम लें। यह लेख समाज में प्रचलित बातों की सिर्फ जानकारी हेतु है।
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उइजा बोर्ड कैसे बनाएं: एक लकड़ी के बोड पर एक तरफ अंग्रेजी या हिन्दी के अक्क्षर लिख लें और दूसरी तरफ अंक लिख लें। ऊपर हां और ना लिख दें। बीच में एक गोला बनाएं और उस पर एक कटोरी को उल्टा रख लें। फिर कमरे के किसी कोने में अगरबत्ती जला लें। फिर तीन या पांच लोग मिलकर उस कटोरी पर अपनी अंगुली रखकर किसी आत्मा का आह्वान करें। जब आत्मा आ जाती है यह कटोरी अपने आप ही चलने लगती है। जो भी पूछा जाता है कटोरी धीरे-धीरे चलकर अंक या अक्षरों पर पहुंचकर जबाब देती है। जैसे उससे उसका नाम पूछा गया तो वह कटोरी चलकर अंग्रेजी या हिन्दी में लिखे अक्षरों को ढांकती जाएगी। जैसे रावण है तो पहले वह R पर, फिर A पर फिर V पर फिर A पर और अंत में N पर जाएगी।
आत्मा को वापस भेजने के लिए उसको बार-बार धन्यवाद देकर कहा जाता है कि अब आप आपस चले जाएं। आपने जो हमारे लिए किया उसके लिए हम कृतज्ञ हैं।
चेतावनी : यह लेख सिर्फ
जानकारी हेतु है, जैसाकि समाज में प्रचलित है। यह अंधविश्वास की श्रेणी
में आता है और हो सकता है कि यह आपके लिए खतरनाक भी हो। इसे सिर्फ कुतूहलवश
नहीं करना चाहिए।
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