ऐ तन्हाई तू अब निकाह कर ले मुझसे...???
जब उम्र भरसाथ ही रहना है...तो चल जमाने कि ये
रस्मेभी अदा कर लें...!!!
जब उम्र भरसाथ ही रहना है...तो चल जमाने कि ये
रस्मेभी अदा कर लें...!!!
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कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है
ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है....!!
ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है....!!
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इक बार जो रूठी तो नहीं आई कभी फिर लौटकर.!
वो जिसे हद से ज्यादा नफरत थी रूठने वालों से..!!
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हमने खुशियो की तिजोरी उनके हवाले की थी,..
लेकिन कमबख्त को मेरी हंसी ही चुरानी थी!!
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तुम क्या सोचते हो...?
तुम चले जाओगे तो हम रह नहीं पायेगे...,
तुम चले जाओगे तो हम रह नहीं पायेगे...,
एक बात कहे..सही सोचते हो तुम ...
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आईना भी टूट कर ये कह गया मुझसे...
ये तेरी झूठी मुस्कान अब बर्दास्त नही होती...।
ये तेरी झूठी मुस्कान अब बर्दास्त नही होती...।
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हसीन आंखो का पढने का अब भी शौक हैँ मुझको,
मोहब्बत मेँ उजङकर भी मेरी आदत नहीँ बदली...
मोहब्बत मेँ उजङकर भी मेरी आदत नहीँ बदली...
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में कब तक तुझे पाने की चाहत में जिल्लत
उठाता रहूँगा
कोई ऐसा धोखा दे की मेरी आस ही टूट जाय..!!
उठाता रहूँगा
कोई ऐसा धोखा दे की मेरी आस ही टूट जाय..!!
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ठान लिया था कि, अब और शायरी नहीं लिखेंगे...
.पर उनकी याद आई और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे...!!
.पर उनकी याद आई और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे...!!
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बिछड़ते वक्त अगर रोये नहीं
तो हस कर साथ बिताये पल बेकार हैं,
कुछ अहसास आंसुओं के बगैर
खूबसूरत हो ही नहीं सकते
उसने कहा था... बिछड़ते वक्त...
खूबसूरत हो ही नहीं सकते
उसने कहा था... बिछड़ते वक्त...
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तेरे बिना जीना मुश्किल है ,
ये तुझे बताना और भी मुश्किल है....
ये तुझे बताना और भी मुश्किल है....
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बदल जाते हो तुम कुछ पल साथ निभाने के बाद..!!
ये तुम मोहब्बत करते हो या नशा..!!
ये तुम मोहब्बत करते हो या नशा..!!
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इतना भी हमसे नाराज़ मत हुआ करो..
बदकिस्मत ज़रूर हैं हम मगर बेवफा नहीं..
बदकिस्मत ज़रूर हैं हम मगर बेवफा नहीं..
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कोई हमेँ कह कर गया था कि बाद मेँ बात करते है.....
ना उनका कोई मैसेज आया और ना इस दिल को चैन.....!!
ना उनका कोई मैसेज आया और ना इस दिल को चैन.....!!
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न जाने किस हुनर को शायरी कहते होगेँ लोग.......
हम तो वो लिख़ रहे हैँ, जो कह ना सके उससे...
हम तो वो लिख़ रहे हैँ, जो कह ना सके उससे...
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तूने मेरा आज देख के मुझे ठुकराया है...
हमने तो तेरा गुजरा कल देख के
भी मोहब्बत की थी..!!
भी मोहब्बत की थी..!!
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समझते थे हम उनकी हर बात को।
वो हर बार हमेँ धोखा देते थे।
वो हर बार हमेँ धोखा देते थे।
पर,हम भी दिल के हातों मजबूर थे।
जो हर बार उन्हें मौका देते थे।
जो हर बार उन्हें मौका देते थे।
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दिल से नाज़ुक नही, दुनिया में कोई चीज साहब,
लफ्ज़ का वार भी,खंजर की तरह लगता है...
लफ्ज़ का वार भी,खंजर की तरह लगता है...
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ये भी अच्छा हूआ के , उसे हासिल ना कर सके हम ।।
हमारा होकर अगर बिछड़ता तो , कयामत होती ।।
हमारा होकर अगर बिछड़ता तो , कयामत होती ।।
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बड़े सुकून से वो रहती है आज कल मेरे बिना,
जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे…
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वो मुझे इसलिए भी याद है ।
की बिछड़ते वक़्त उसने कहा था 'भुला देना ज़ुरुर' ।।
की बिछड़ते वक़्त उसने कहा था 'भुला देना ज़ुरुर' ।।
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इक मुद्दत से उसे देखा भी नहीं है ।
और मैं ख़फ़ा हूँ उस से, ऐसा भी नहीं है ।।
और मैं ख़फ़ा हूँ उस से, ऐसा भी नहीं है ।।
ये हो ही नहीं सकता, मैं उसे याद न होऊ ।
वो जैसा भी है मग़र ऐसा भी नहीं है ।।
वो जैसा भी है मग़र ऐसा भी नहीं है ।।
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सुबह से शाम तक भटक कर डूब जाता है...
सूरज भी कोई टूटा हुआ दिल हो जैसे...!!!
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उन्होंने वक़्त समझकर गुज़ार दिया हमको.....
और हम उनको ज़िन्दगी समझकर
आज भी जी रहे हैं.....
और हम उनको ज़िन्दगी समझकर
आज भी जी रहे हैं.....
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“हमें अपनाने के लिए हममें हज़ार खूबियाँ वो तलाशते रहे...,
और...छोड़ने के लिए एक कमी ही उनको काफी लगी...।”
और...छोड़ने के लिए एक कमी ही उनको काफी लगी...।”
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देखो अब ना याद आओ तुम !!
आज कल खुद से ही खफा हूँ मै !!
आज कल खुद से ही खफा हूँ मै !!
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वह सर्द रात, तेज़ हवा और हाथ में उसका हाथ था,
कुछ क़दम हम साथ चले, आँख खुली तो ख्वाब था !
कुछ क़दम हम साथ चले, आँख खुली तो ख्वाब था !
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मैं तो आशिक हु एक ही बार मरुगा ।
पगली तु अपनी सोच । तेरा क्या होगा......
पगली तु अपनी सोच । तेरा क्या होगा......
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क्या खबर थी कभी, इस दिल की ये हालत होगी .....
धड़केगा दिल मेरे सीने में, और सांसे तेरी होंगी ....!!
धड़केगा दिल मेरे सीने में, और सांसे तेरी होंगी ....!!
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“कितने सितम करोगे...इस टुटे हुए दिल पर...,
थक कर बताना जरूर...मेरा जुर्म क्या था ......
थक कर बताना जरूर...मेरा जुर्म क्या था ......
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मैं पटरियों की तरह ज़मीं पर पड़ा रहा..
सीने से ग़म गुज़रते रहे रेलगाडी की तरह ...!!
सीने से ग़म गुज़रते रहे रेलगाडी की तरह ...!!
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तुमने मुझे छोड़ कर किसी और का हाथ तो थाम लिया है
मगर ये याद रखना हर शक्स मोहब्बत नहीं ...
मगर ये याद रखना हर शक्स मोहब्बत नहीं ...
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सिखा ना सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे,
फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े और ना जाने कितने सबक सीख लिए।
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तुम्हारी आँखों में बसा है आशियाना मेरा,
अगर ज़िन्दा रखना चाहो
तो कभी आँसू मत लाना।
अगर ज़िन्दा रखना चाहो
तो कभी आँसू मत लाना।
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