नई दिल्ली (20 सितंबर) http://hindi.news24online.com
देश की स्वर्णरेखा नदी के रेत से सैकड़ों सालों से सोना निकाला जा रहा है। हालांकि, आज तक रेत में सोने के कण मिलने की सही वजह का पता नहीं लग पाया है। भूवैज्ञानिकों का मानना है कि नदी तमाम चट्टानों से होकर गुजरती है। इसी दौरान घर्षण की वजह से सोने के कण इसमें घुल जाते हैं।
बता दें कि ये नदी देश के झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ इलाकों में बहती है। नदी की कुल लंबाई 474 किमी है। इस दिनों नदी पर एक नया संकट नजर आने लगा है। राजधानी की स्वर्णरेखा नदी से खनन माफिया बेखौफ होकर रेत लूट रहे हैं।
इन्हें न तो पुलिस का डर है और ही खनिज विभाग के अफसरों का।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह से लेकर शाम तक अवैध उत्खनन जारी रहता है। लोगों का कहना है कि शाम के 7 बजे तक ट्रैक्टरों की लंबी कतार नदी के किनारे देखी जा सकती है। हम लोग भय के कारण मना नहीं कर पाते हैं।
अवैध उत्खनन की वजह से नदी के आसपास बसी नेपाली कॉलोनी और चारिया टोली के कई घरों के डूबने की आशंका बढ़ गई है। इन दो काॅलोनियों में 600 से अधिक मकान नदी के किनारे बने हुए हैं।
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