नई दिल्ली: मोबाइल सेवा प्रदाता भारती एयटेल ने भुवनेश्वर व कटक में अपने मौजूदा ग्राहकों के लिए 4जी प्रौद्योगिकी का परीक्षण आज शुरू किया। कंपनी के बयान में कहा गया है कि परीक्षण पेशकश के तहत भुवनेश्वर व कटक में उसके ग्राहक 3जी से 4जी के लिए अपग्रेड करा सकेंगे। कंपनी शुरआती प्रतिक्रिया के आधार पर इन शहरों में अपनी 4जी सेवाओं को मजबूत करेगी।
भारती एयरटेल 4000 रुपए में 4 जी हैंडसेट लॉन्च करने की घोषणा करके इस बात की दस्तक दे रही हैं कि देश 4G क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। कंपनी के इस हैंडसेट का सीधा मुकाबला रिलायंस के 4जी सेट से होगा। दिलचस्प ये है कि रिलायंस ने भी इस सेट को 4000 रुपए में ही लॉन्च करने की बात कही है।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि तमाम कंपनियां जिस हैंडसेट को लॉन्च करने की बात कह रही है वो जिस नेटवर्क पर चलेगा उसका हाल देश में किससे छुपा है। एक्सिन की ओर से 2 महीने पहले कराया गया सर्वे यह कहता है कि देश में 48 फीसदी मोबाइलधारकों को 2जी और 3जी स्पीड में कोई अंतर ही नजर नहीं आता। ऐसे में डिजिटल इंडिया की करवट बैठ रहे ''भारतवासियों" को यह बात जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं जहां बच्चों के वीडियोगेम अब 10G की रफ्तार से दौड़ रहे हैं।
किन देशों में 10G की रफ्तार से इंटरनेट चल रहा है जानने से पहले यह पता करें कि 2G 3G और 4G का मतलब आंकड़ों के हिसाब से होता क्या है।
आइए जानते है क्या है 2G, 3G और 4G का मतलब
-> 2G टेक्नोलॉजी में downloading,uploading की स्पीड 236kbps होती है। मसलन 1 सेकेंड में 236 Kb download या upload कर सकते है।
-> 3G टेक्नोलॉजी में downloading,uploading की स्पीड 5Mbps से लेकर 21Mbps तक होती है।
-> 4G की गति 100Mbps है जो कि 3G के मुकाबले 40 गुना अधिक है।
तो इसी तरह आप कैलकुलेट कर लिजिए कि 3G और 4G में ऐप 1 सेकेंड में कितना डेटा download या upload कर सकते है।
-> 2G टेक्नोलॉजी में downloading,uploading की स्पीड 236kbps होती है। मसलन 1 सेकेंड में 236 Kb download या upload कर सकते है।
-> 3G टेक्नोलॉजी में downloading,uploading की स्पीड 5Mbps से लेकर 21Mbps तक होती है।
-> 4G की गति 100Mbps है जो कि 3G के मुकाबले 40 गुना अधिक है।
तो इसी तरह आप कैलकुलेट कर लिजिए कि 3G और 4G में ऐप 1 सेकेंड में कितना डेटा download या upload कर सकते है।
भारत में आज भी 1:8 और 1:8 के हिसाब से ब्रॉडबेन्ड कनेक्शन की स्पीड उपलब्ध करायी जाती हैं यानी की जो ब्रॉडबेन्ड हम घर में इस्तेमाल करते हैं वह बिट के हिसाब से मिलता हैं उदाहरण के लिए 256 kbps यानि 256 किलो बिट्स प्रति सेकंड। और जो लीस लाइन होती है वह KBPS होती है यानि किलो बाइट्स प्रति सेकंड। आज जितनी भी कंपनियां ब्रॉडबेन्ड कनेक्शन दे रही हैं अगर वे आपको 256kbps की नेट स्पीड दे रही हैं तो इसका मतलब है 256 को भाग कीजिय 8 से तो आपको मिलेगी 32kbps की नेट स्पीड और वह भी आपके कम्प्यूटर के हार्डवेयर के ऊपर है की वह इस स्पीड को कितना सपोर्ट करता हैं। अगर आपको 512kbps की स्पीड मिलती है तो 512 को भाग दीजिये 8 से तो आपको मिलेगा 64kbps के नेट स्पीड।
अब 8 से भाग करने का यह मतलब है कि आपको जो 256 या 512 की स्पीड दी जाती है वह 8 और अन्य लोगों में बांटी जाती है तो इस तरह आपको 32 या 64kbps के नेट स्पीड प्राप्त होती है।
आपको जामकर हैरानी होगी कि इंटरनेट की ग्लोबल औसत स्पीड 3.9Mbps और सबसे ज्यादा औसत कनेक्शन स्पीड 21.2Mbps है। जबकि भारत में औसत सबसे ज्यादा कनेक्शन स्पीड 12Mbps है।
नेटवर्क ट्रैकर अकामाई ने सबसे तेज इंटरनेट वाले देशों की तिमाही रिपोर्ट 'द स्टेट ऑफ द इंटरनेट' जारी की है। इस लिस्ट में भारत को 116वां स्थान मिला है।
यहां इंटरनेट की औसत स्पीड 2.0Mbps है। रिपोर्ट में शामिल महीनों के मुताबिक यहां 2.1% और साल में 28% इंटरनेट स्पीड में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके बाद भी भारत स्पीड के मामले में कई देशों से पीछे है।
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आइए जानते ऐसे देशों के बारे में जहां इंटरनेट हवा की स्पीड से दौड़ता है...
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