ऑनलाइन टैक्सी अग्रीगेटर ओला कारें खरीदकर ड्राइवरों को लीज पर देने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। इसके तहत ड्राइवरों से 25 से 30 हजार रुपये का डाउनपेमेंट करना होगा। तीन साल बाद ड्राइवरों के पास गाड़ी को अपने नाम कराने का विकल्प होगा।
हालांकि, इसके लिए ओला को ड्राइवर मंथली सब्सक्रिप्शन फीस देने के साथ ही हर राइड पर कमीशन भी देंगे। इस स्कीम से जुड़ने वाले ड्राइवर सिर्फ ओला प्लेटफॉर्म से जुड़े रहेंगे। ओला ने यह कदम अपने ड्राइवरों को प्रतिद्वंद्वी कंपनियों उबर और मेरु के पास रजिस्ट्रेशन कराने से रोकने के लिए उठाया है।
ओला ने यह स्कीम पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में बेंगलुरु, चेन्नै और हैदराबाद में शुरू की है। इसके तहत 1,000 से अधिक गाड़ियां लीज पर ली गई हैं, जिनमें से अधिकांश मारुति सुजुकी इंडिया की हैं। कंपनी ने बताया कि वह महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित अन्य कार कंपनियों से भी बात कर रही है। कंपनी का मकसद साल 2016 के अंत तक अपने लीजिंग मॉडल के तहत एक लाख ड्राइवरों को जोड़ने का है।
ओला और उबर को अपने मोबाइल ऐप प्लेटफॉर्म से ड्राइवर पार्टनर्स को जोड़े रखने में दिक्कत हो रही है। ओला के साथ रजिस्टर्ड कई ड्राइवर उबर के लिए भी गाड़ियां चलाते हैं। वहीं, अन्य कंपनियों के साथ रजिस्टर्ड ड्राइवर्स ओला के लिए भी कारें चलाते हैं। अब ओला इन ड्राइवर्स को सिर्फ अपने साथ जोड़े रखने और प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए इस लीजिंग स्कीम को लाई है।
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