झारखंड- सात जन्मों के रिश्ते के रूप में माने जा रहे शादी के पवित्र बंधन में जब किसी लडकी की शादी जानवर से करवा दी जाए वो भी कुत्ते से तो थोडा अजीब लगता है।
झारखंड राज्य के कुछ हिस्सों में ऎसी अनोखी लोक परंपराएं प्रचलित हैं। ये परंपराएं ऎसी हैं जो कई बार तो इतनी अजीब होती हैं कि समझ ही नहीं आता कि इन्हे अंधविश्वास माने या परंपरा। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में कुछ ऎसी ही परंपरा प्रचलित है। इस परंपरा के अंतर्गत लडकी की शादी इंसान से नहीं कुत्ते से करवाई जाती है। दरअसल ये शादी युवती की नहीं बल्कि छोटी बच्चियों की होती हैं। यह परंपरा यहां सदियों से चली आ रही है इसके अनुसार जब किसी लडकी का पहला दांत उपरी मसूडे में हो तो उसे शुभ नहीं माना जाता है।
माना जाता है कि ऎसा गृहों के अशुभ प्रभाव के कारण होता है इसीलिए लडकी का दूसरा दांत आने से पहले उसका सांकेतिक विवाह किसी स्थानीय कुत्ते से करवा दिया जाता है। ऎसी मान्यता है कि इससे गृहों की शांति हो जाती है। बालिका के अतिरिक्त दांत उग आने पर भी ऎसा ही किया जाता है। इस क्षेत्र की इस परंपरा को कोई कुछ भी माने लेकिन सैकडों वषोंü से आजतक लोग इस परंपरा को मानते आ रहे हैं।
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